
अंत ही है शुरुआत, ना हार है ना मात है

अंत ही है शुरुआत,
ना हार है ना मात है,
जो ठोकरों से सीख ले,
ऐसा जीत का प्रतीक है,
अंत ही शुरुआत है,
गिरा हो, तो क्या हुआ,
खड़ा भी हो जाऊंगा,
बांध लूँ, मैं हौसले,
लक्ष्य अपना, ठान लूँ,
गिरना ही, मेरा उठना है,
अंत ही शुरुआत है,
जंग हो कोई भी, जीतता में ही हूं,
हारता ना कभी, किसी से,
ना अपने आप से,
क्योंकि चलना ही मेरा आगाज़ है,
अंत ही शुरुआत है,
अंत ही शुरुआत है…….
One thought on “अंत ही है शुरुआत, ना हार है ना मात है”
Very beautiful and inspirational..