
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कोख मे मत मारो, बेटी है तो कल है, राजस्थानी भाषा मैसेज
राम-राम जी राम-राम, और थारा सबका के हाल चाल है। थे सब घराँ मे ठीक होगा। आज मैं थारे सागे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, खातिर बात करने आई हूं। आज तो जमाना है बेटी ने गर्भ में ही मार दिया जावे।

यह अच्छा काम नहीं है। दोस्तों, आज मैं तारे सामने एक बेटी की पुकार लेकर आई हूँ। थे ध्यान सूं सुनियों।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कोख मे मत मारो बेटी
बेटी है, तो कल है,
म्हारे संसार है, बेटी से ही
घर की रौनक है बेटी तो
घर रोशन है बेटी से ही,
बेटी ने मारोगे तो परिवार कैसे बनाओगे।
Beti Bachao, aur beti ne padhao
मत मारो बेटी कोख मे, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
खुशबू, प्यार और महक है बेटी,
भाग्यशालि हैं बे लोग,
जिनके घरां मे है बेटी,
बेटी है तो घर में संगीत बजे,
बेटी जो पायल पहन के चाले,
माँ बाप के दिला मे झांझर बाजे।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कोख मे मत मारो बेटी
बेटी ने मत मारो कोख मे,
माँ बाबा सूं, बेटी की है आ पुकार,
थे क्यों मेरे सूं जीवन छीनो,
प्यार मेरे सूं क्यों नहीं थे कीनो,
थे दोनों तो बनो मेरा रखवाला
बेटी पढ़ाओ, कोख मे मत मारो बेटी
क्यों करो मन्ने मौत के हवाले,
मैं खून हूँ थारो, फेर क्यूँ नहीं माँ तू
मेरी धड़कन सूं पावे, बाबा ने तू क्यूँ नहीं समझावे,
पढ़ूँगी लिखूँगी नाम थारो रोशन करूंगी,
खुशियां थारे जीवन मे भर दूँगी
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कोख मे मत मारो बेटी
कद्दी थाणे निराश ना करूंगी,
मैं भी माँ बाबा जीनो चाहूँ हूँ,
भाई की तरह पूरा नौ महीना,
अपनो समझ के मन्ने अपनालो
कोख मे मत मारो बेटी, बेटी पढ़ाओ,
माँ मैं तो तेरी भायली बनूँगी,
तू दिल की सारी बाताँ मेरे से कर लीज़ो,
बस एक बार तो मन्ने बाहाँ मे भर लीज़ो,
माँ तू भी तो किसी की बेटी है,
फेर तू मन्ने कैसे मार सके है,
बस इक बार तो मेरी धड़कन ने सूं ले,
मैं तो तेरा ही रूप हूँ माँ ,
गले से तो लगा ले मन्ने,
One thought on “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कोख मे मत मारो, बेटी है तो कल है, राजस्थानी भाषा मैसेज”
Very nice thoughts