
Meri Duniya, Blog Ki Duniya, #OnlineWriting

बहुत प्यारी और न्यारी है दुनिया ब्लॉगर की,
मेरे तो सपनों की दुनिया है ब्लॉगर की,
जब मैं बैठूं लिखने तो नहीं खबर मुझे दुनिया की,
कोई कहे मुर्ख, कोई कहे समझदार, मुझे क्या लेना –देना,
बस मुझे तो देता सुकून लिखना-लिखना लिखना,
मन में मेरे जब उठे उमंग, शब्दों के रंग मैं बिखेरूं,
हो जाये जब ये तन-मन उदास,
तब भी रंग बदल मैं उसे बिखेरूं,
मेरा काम है मदमस्त, मनमस्त,
मनमौजी बनकर रहना,
मुझे कोई कुछ कहे ये भी खबर नहीं ना,
मैं तो हूँ दीवानी अपने हाथों की,
अपने मन-मस्तिष्क की,
जिसमे उठते शब्दों के भंवर और पिचकारी रंगों की,
जब जैसा मेरा मन हो, मैं वैसा रंग यहाँ करती हूँ,
मैं तो यारों, बस और बस खुद में ही मस्त रहती हूँ,
लिखूं मैं तो आँखे खुलने से पलकें भारी होने तक,
और लिखती रहूंगी सांस में सांस होने तक,
मेरी दुनिया तो बस मेरे शब्दों और भावनाओं में है समाई,
अब मुझे मूर्ख कहो या कहो मैं हूँ मदमस्त और शरमाई.
2 comments
Bahut sundar.
@Jyoti
जी शुक्रिया.