यंग जनरेशन अपनी सेहत का ऑफिस में यूं रखे ख्याल, आइए जाने फिटनेस के लिए कारगर टिप्स

यूं तो आजकल का सारा वर्क कल्चर कंप्यूटर मोबाइल में ही सिमट कर रह गया है और यही कारण है कि ऑफिस में काम करने वाले ज्यादातर यंग जनरेशन के लोग स्ट्रेस, एंग्जायटी, टेंशन और ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, सर्वाइकल, माइग्रेन की गिरफ्त में आ चुके हैं।

आजकल की इस आधुनिक जीवन शैली और भागदौड़ भरी जिंदगी में सब लोग हर चीज का ख्याल तो रखते हैं लेकिन सिर्फ एक चीज भूल जाते हैं, वह है उनकी सेहत।
हकीकत यह है कि जो लोग का।मकाजी हैं, वह अपनी सेहत का थोड़ा सा भी ख्याल नहीं रखते हैं। क्योंकि वह 8 से 10 घंटे ऑफिस में व्यतीत करते हैं और ज्यादातर वक्त तो उनका कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही पूरा होता है।
और जैसे ही ऑफिस से फ्री होते हैं तो अपने मोबाइल से फिर से चिपक जाते हैं। ऐसा कहें कि घर में खाना खाते हुए भी उनकी आंखों के सामने टीवी चलता रहता है।
नहीं तो हाथ में मोबाइल तो रहता ही है और इसी का नतीजा यह है कि आजकल की रोजमर्रा की हमारी जो जिंदगी है उसमें बहुत से नुकसान दायक बदलाव आ चुके हैं।
और वह नुकसान सबसे ज्यादा हमारी सेहत को हो रहा है। यही वजह है कि ऑफिस में काम करने वाली ज्यादातर टीनएजर, यंगस्टर टेंशन, स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल, माइग्रेन, हाई शुगर इन बीमारियों से उलझ चुके है और सबसे बड़ी बात उम्र से पहले सबकी आंखों पर चश्मा भी चढ़ जाता है।
इन सब से छुटकारा पाने का एक ही इलाज है और वह है अपने रूटीन में सिर्फ थोड़ा सा बदलाव करना-
- जब आप ऑफिस में है तब सेहत का ख्याल रखिए
- और बीच-बीच में थोड़े चल लें, चाहे 5 मिनट की चहल कदमी करे लेकिन करें जरूर
- और अगर खड़े होकर कहीं चहाल कदमी नहीं कर पा रहे हैं तो
- आप कुर्सी पर बैठे बैठे ही पीछे की तरफ थोड़ा सा रेस्ट की स्थिति में जाकर,
- आंखें बंद करके आंखों को आराम दे सकते हैं
- या फिर छोटे छोटे सूक्ष्म व्यायाम भी कर सकते हैं
- ऑफिस से बाहर जब ब्रेक हो, उस वक्त बाहर निकलकर खुली हवा और धूप में सांस ले सकते हैं
- लिफ्ट की जगह, आप सीढ़ियों का इस्तेमाल करेंगे तो इससे भी आपकी सेहत को बहुत फायदा होगा
- इससे आपकी बॉडी में जकड़न नहीं होगी और साथ ही साथ आपका जो वेट भी अगर बढ़ रहा है तो वह भी नहीं बढ़ेगा
- और सुबह शाम जब भी आपको वक्त मिले, योग को जरूर अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं।
सेहत को काम के दबाव के चलते नजर अंदाज किया जा रहा है
- लगातार कंप्यूटर पर काम करना
- स्क्रीन टाइम 10 से 12 घंटे
- 8 से 10 घंटे ऑफिस में काम और मोबाइल पर हमेशा नजर
सेहत घिर चुकी है खतरे में
टेंशन, स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर, एंग्जाइटी, बैक पेन, माइग्रेन, हाई शुगर, सर्वाइकल, आंखों में दर्द, सिर दर्द, यूरिन की प्रॉब्लम, इसी तरह की बहुत सी बीमारियां आजकल यंग जनरेशन को घेरे हुए है।
निरोग रहना है तो ऑफिस ब्रेक में यह काम जरूर करें
- ब्रेक में थोड़ी सी चहल कदमी कर ले
- धूप हवा का आनंद लें
- ब्रेक में आंखों को भी कुछ देर के लिए बंद करो
- आराम दे, अपनी आंखों पर ताजा पानी से छीटें मारे
- कुर्सी पर बैठकर स्ट्रैचिंग करें
- अपने रूटीन में थोड़ा सा बदलाव लाएं
- काम के बीच में थोड़ा थोड़ा पानी पीना ना भूलें
- और सबसे बड़ी बात लिफ्ट की वजह सीढ़ियों का उपयोग ज्यादा करें
वह योग जो आपको मदद कर सकते हैं
- 1. योगमुद्रासन
2. मर्कटासन
3. मंडूकासन
4. वक्रासन
5. पवनमुक्तासन
6. शशकासन
7. गोमुखासन
8. उत्तानपादासन
9. अर्धमत्स्येंद्रासन
10. पश्चिमोत्तानासन
11. भुजंगासन
12. उष्ट्रासन
योगमुद्रासन
इस आसन के करने से कब्ज दूर होती है। पाचन तंत्र स्ट्रांग होता है। बवासीर और हर्निया रोग में भी लाभ होता है।
योग मुद्रासन करने की विधि
- दंडासन की स्थिति में सबसे पहले बैठ जाएं
- अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़कर पीछे नितंबों के नीचे रखना
- अब बाएं पैर को भी इसी तरह पीछे नितंब के नीचे रखें
- दोनों पैरों के पंजे आपस में मिलाएं
- अंगूठे भी दोनों मिला लें दोनों एड़ियों के बीच दोनों नितंबों को रखें और दोनों हाथों की मूर्तियां बंद करें वहां दाएं हाथ की मुट्ठी को नाभि के पास जाएं और उधर प्रदेश में स्थित करें
- इसके बाद बाएं हाथ की मुट्ठी को नाभि के पास बाय और उत्तर प्रदेश में स्थित करें
- आपकी दोनों को मियां बाहर क्यों रहेंगी श्वास को बाहर निकालते हुए आगे की ओर धीरे-धीरे झुकना शुरू करें
- दृष्टि आपके सामने की ओर रहे थोड़ी देर बाद ऐसी स्थिति में रहे और
- फिर वापस अपने पहले वाली स्थिति में आ जाए यह एक चक्र पूरा हुआ
- इसी तरह आप एक से सात बार आवृत्ति तक कर सकते हैं
- इसका समय 1:00 से 7:00 मिनट तक कर सकते हैं
- अंतिम चक्रवर्ती के बाद में बैठकर फिर से विश्राम करो
योग मुद्रासन के फायदे
बवासीर में लाभ होता है छोटी बड़ी आंत में सक्रिय होती हैं कब्ज से निजात मिलती है। नाभि से सटे हुए स्नायु बलशाली होते हैं।
गैस से छुटकारा मिलता है। पेट के अंदर जो भी अवयव सुचारू रूप से नहीं चल रहा, वह सही होने लगते हैं।
इसमें सावधानी जो आपको बरतनी है
- हृदय रोगी ज्यादा आगे की ओर ना झुके
- उक्त रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर वाले से ना करें
- जिनको कमर में पेन है वह भी से करने से बचे
- जिनके सिर में बहुत ज्यादा दर्द रहता है
- उनको भी आगे नहीं झुके
मर्कटासन
आसन के नाम में ही इसका अर्थ छुपा है, मर्कट बंदर को कहते हैं। इसीलिए आसन को बंदर आसन भी कह सकते हैं। यह आसन करते वक्त शरीर का आकार बंदर जैसा हो जाता है।
इस आसन से कमर दर्द और पेट की चर्बी दूर होती है। इसे करने से शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है और आपके हाथ पैर और कमर के दर्द में लाभ होता है ।मोटापा दूर होता है।
करने की विधि
- सबसे पहली पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को कमर के नीचे रखें
- दोनों पैरों को जोड़कर घुटनों से मोड़ ले
- अब कमर के नीचे के हिस्से को घुमाते हुए पैरों को एक बार दाईं तरफ बगल में जमीन पर टिका लें
- इस स्थिति में सर को इसकी उल्टी दिशा में रखें इस आसन को 10 से 20 सेकंड से शुरू करते हुए
- आप उसका वक्त बढ़ा सकते हैं, जमीन पर सीधे लेट जाएं
- दोनों पैरों के बीच थोड़ा ध्यान रखें और उन्हें घुटनों से मोड़ ले
- और बाया घुटना बगल की जमीन पर टिका दें और दायां घुटना बाएं पैर के अंगूठे पर रखें
- इस अवस्था में सिर्फ विपरीत दिशा में घुमा कर रखें
- जमीन पर सीधे लेट जाएं,
- दाहिने पैर को कमर से सीधा उठाते हुए बाई तरफ जहां तक हो सके लेकर जाए
- इसे करने की जो आदर्श स्थिति है, उसमें दाहिने पैर से बाएं हाथ को जमीन पर रखते हुए
- छुए इसी तरह दूसरे पैसे भी रिपीट करें
- इस आसन को करते वक्त अपनी गर्दन को विपरीत दिशा में रखना ना भूलें
मर्कटासन के फायदे
पेट दर्द से राहत मिलती है। रीढ़ की हड्डियों के सब लग दूर होते हैं पेट दर्द सर्वाइकल
अपचयन गैस कमर दर्द और निद्रा फूलों का दर्द थकान आदमी आसन बहुत लाभदायक है और इस आसन को करने से आपकी गुर्दे, लीवर, अग्नाशय भी सक्रिय हो जाते हैं।
मंडूकासन
मंडूकासन संस्कृत के 2 शब्दों मंडुक और आसन से मिलकर बना है। मंडूक का मतलब मेंढक होता है और आसन, योग मुद्रा से ही है।
इसका अभ्यास करते हुए अंतिम चरण में शरीर मेंढक की तरह दिखने लगता है। इसीलिए इसका नाम मंडूकासन है इसके अभ्यास से पेट के अंगों की मालिश और पेट पर अतिरिक्त वसा को दूर करने में मिलती है
मंडूकासन करने की विधि
शरीर के ऊपरी भाग के वजन को दोनों जांघों पर रखें और गर्दन को सीधा रखें 1 मिनट तक इसी अवस्था में रहे इस क्षण सांस लेते रहें और छोड़ते रहे फिर दोबारा बज राजस्थानी की स्थिति में आ जाए
सावधानी पेट में अल्सर होने पर इसे ना करें उक्त रक्तचाप माइग्रेन और अनिद्रा होने पर भी ना करें गंभीर पीठ दर्द और हृदय की कोई भी दिक्कत से पीड़ित और अगर पेट की कोई सर्जरी हुई है तो उन्हें भी इस आसन से दूर रहना चाहिए।
घुटने के दर्द के रोगियों को इससे बचना चाहिए। पेट में अल्सर है तब भी सेना करें गर्भवती महिलाओं को इस आसन से दूर रहना।
फायदे घुटने और तकनीकी जोड़ों के लचीलापन और गतिशीलता में सुधार करता है।