यंग जनरेशन अपनी सेहत का ऑफिस में यूं रखे ख्याल, आइए जाने फिटनेस के लिए कारगर टिप्स

यंग जनरेशन अपनी सेहत का ऑफिस में यूं रखे ख्याल, आइए जाने फिटनेस के लिए कारगर टिप्स
October 2, 2022 0 Comments

यूं तो आजकल का सारा वर्क कल्चर कंप्यूटर मोबाइल में ही सिमट कर रह गया है और यही कारण है कि ऑफिस में काम करने वाले ज्यादातर यंग जनरेशन के लोग स्ट्रेस, एंग्जायटी, टेंशन और ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, सर्वाइकल, माइग्रेन की गिरफ्त में आ चुके हैं।

यंग जनरेशन अपनी सेहत का ऑफिस में यूं रखे ख्याल, आइए जाने फिटनेस के लिए कारगर टिप्स

आजकल की इस आधुनिक जीवन शैली और भागदौड़ भरी जिंदगी में सब लोग हर चीज का ख्याल तो रखते हैं लेकिन सिर्फ एक चीज भूल जाते हैं, वह है उनकी सेहत।

हकीकत यह है कि जो लोग का।मकाजी हैं, वह अपनी सेहत का थोड़ा सा भी ख्याल नहीं रखते हैं। क्योंकि वह 8 से 10 घंटे ऑफिस में व्यतीत करते हैं और ज्यादातर वक्त तो उनका कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही पूरा होता है।

और जैसे ही ऑफिस से फ्री होते हैं तो अपने मोबाइल से फिर से चिपक जाते हैं। ऐसा कहें कि घर में खाना खाते हुए भी उनकी आंखों के सामने टीवी चलता रहता है।

नहीं तो हाथ में मोबाइल तो रहता ही है और इसी का नतीजा यह है कि आजकल की रोजमर्रा की हमारी जो जिंदगी है उसमें बहुत से नुकसान दायक बदलाव आ चुके हैं।

और वह नुकसान सबसे ज्यादा हमारी सेहत को हो रहा है। यही वजह है कि ऑफिस में काम करने वाली ज्यादातर टीनएजर, यंगस्टर टेंशन, स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल, माइग्रेन, हाई शुगर इन बीमारियों से उलझ चुके है और सबसे बड़ी बात उम्र से पहले सबकी आंखों पर चश्मा भी चढ़ जाता है।

इन सब से छुटकारा पाने का एक ही इलाज है और वह है अपने रूटीन में सिर्फ थोड़ा सा बदलाव करना-

  • जब आप ऑफिस में है तब सेहत का ख्याल रखिए
  • और बीच-बीच में थोड़े चल लें, चाहे 5 मिनट की चहल कदमी करे लेकिन करें जरूर
  • और अगर खड़े होकर कहीं चहाल कदमी नहीं कर पा रहे हैं तो
  • आप कुर्सी पर बैठे बैठे ही पीछे की तरफ थोड़ा सा रेस्ट की स्थिति में जाकर,
  • आंखें बंद करके आंखों को आराम दे सकते हैं
  • या फिर छोटे छोटे सूक्ष्म व्यायाम भी कर सकते हैं
  • ऑफिस से बाहर जब ब्रेक हो, उस वक्त बाहर निकलकर खुली हवा और धूप में सांस ले सकते हैं
  • लिफ्ट की जगह, आप सीढ़ियों का इस्तेमाल करेंगे तो इससे भी आपकी सेहत को बहुत फायदा होगा
  • इससे आपकी बॉडी में जकड़न नहीं होगी और साथ ही साथ आपका जो वेट भी अगर बढ़ रहा है तो वह भी नहीं बढ़ेगा
  • और सुबह शाम जब भी आपको वक्त मिले, योग को जरूर अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं।

सेहत को काम के दबाव के चलते नजर अंदाज किया जा रहा है

  • लगातार कंप्यूटर पर काम करना
  • स्क्रीन टाइम 10 से 12 घंटे
  • 8 से 10 घंटे ऑफिस में काम और मोबाइल पर हमेशा नजर

सेहत घिर चुकी है खतरे में

टेंशन, स्ट्रेस, ब्लड प्रेशर, एंग्जाइटी, बैक पेन, माइग्रेन, हाई शुगर, सर्वाइकल, आंखों में दर्द, सिर दर्द, यूरिन की प्रॉब्लम, इसी तरह की बहुत सी बीमारियां आजकल यंग जनरेशन को घेरे हुए है।

निरोग रहना है तो ऑफिस ब्रेक में यह काम जरूर करें

  • ब्रेक में थोड़ी सी चहल कदमी कर ले
  • धूप हवा का आनंद लें
  • ब्रेक में आंखों को भी कुछ देर के लिए बंद करो
  • आराम दे, अपनी आंखों पर ताजा पानी से छीटें मारे
  • कुर्सी पर बैठकर स्ट्रैचिंग करें
  • अपने रूटीन में थोड़ा सा बदलाव लाएं
  • काम के बीच में थोड़ा थोड़ा पानी पीना ना भूलें
  • और सबसे बड़ी बात लिफ्ट की वजह सीढ़ियों का उपयोग ज्यादा करें

वह योग जो आपको मदद कर सकते हैं

  1. 1. योगमुद्रासन 

2. मर्कटासन

 3. मंडूकासन

 4. वक्रासन

 5. पवनमुक्तासन

 6. शशकासन

 7. गोमुखासन

 8. उत्तानपादासन

9. अर्धमत्स्येंद्रासन

10. पश्चिमोत्तानासन

11. भुजंगासन 

12. उष्ट्रासन

योगमुद्रासन 

इस आसन के करने से कब्ज दूर होती है। पाचन तंत्र स्ट्रांग होता है। बवासीर और हर्निया रोग में भी लाभ होता है।

योग मुद्रासन करने की विधि

  • दंडासन की स्थिति में सबसे पहले बैठ जाएं
  • अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़कर पीछे नितंबों के नीचे रखना
  • अब बाएं पैर को भी इसी तरह पीछे नितंब के नीचे रखें
  • दोनों पैरों के पंजे आपस में मिलाएं
  • अंगूठे भी दोनों मिला लें दोनों एड़ियों के बीच दोनों नितंबों को रखें और दोनों हाथों की मूर्तियां बंद करें वहां दाएं हाथ की मुट्ठी को नाभि के पास जाएं और उधर प्रदेश में स्थित करें
  • इसके बाद बाएं हाथ की मुट्ठी को नाभि के पास बाय और उत्तर प्रदेश में स्थित करें
  • आपकी दोनों को मियां बाहर क्यों रहेंगी श्वास को बाहर निकालते हुए आगे की ओर धीरे-धीरे झुकना शुरू करें
  • दृष्टि आपके सामने की ओर रहे थोड़ी देर बाद ऐसी स्थिति में रहे और
  • फिर वापस अपने पहले वाली स्थिति में आ जाए यह एक चक्र पूरा हुआ
  • इसी तरह आप एक से सात बार आवृत्ति तक कर सकते हैं
  • इसका समय 1:00 से 7:00 मिनट तक कर सकते हैं
  • अंतिम चक्रवर्ती के बाद में बैठकर फिर से विश्राम करो

योग मुद्रासन के फायदे

बवासीर में लाभ होता है छोटी बड़ी आंत में सक्रिय होती हैं कब्ज से निजात मिलती है। नाभि से सटे हुए स्नायु बलशाली होते हैं।

गैस से छुटकारा मिलता है। पेट के अंदर जो भी अवयव सुचारू रूप से नहीं चल रहा, वह सही होने लगते हैं।

इसमें सावधानी जो आपको बरतनी है

  • हृदय रोगी ज्यादा आगे की ओर ना झुके
  • उक्त रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर वाले से ना करें
  • जिनको कमर में पेन है वह भी से करने से बचे
  • जिनके सिर में बहुत ज्यादा दर्द रहता है
  • उनको भी आगे नहीं झुके

मर्कटासन

आसन के नाम में ही इसका अर्थ छुपा है, मर्कट बंदर को कहते हैं। इसीलिए आसन को बंदर आसन भी कह सकते हैं। यह आसन करते वक्त शरीर का आकार बंदर जैसा हो जाता है।

इस आसन से कमर दर्द और पेट की चर्बी दूर होती है। इसे करने से शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है और आपके हाथ पैर और कमर के दर्द में लाभ होता है ।मोटापा दूर होता है।

करने की विधि

  • सबसे पहली पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को कमर के नीचे रखें
  • दोनों पैरों को जोड़कर घुटनों से मोड़ ले
  • अब कमर के नीचे के हिस्से को घुमाते हुए पैरों को एक बार दाईं तरफ बगल में जमीन पर टिका लें
  • इस स्थिति में सर को इसकी उल्टी दिशा में रखें इस आसन को 10 से 20 सेकंड से शुरू करते हुए
  • आप उसका वक्त बढ़ा सकते हैं, जमीन पर सीधे लेट जाएं
  • दोनों पैरों के बीच थोड़ा ध्यान रखें और उन्हें घुटनों से मोड़ ले
  • और बाया घुटना बगल की जमीन पर टिका दें और दायां घुटना बाएं पैर के अंगूठे पर रखें
  • इस अवस्था में सिर्फ विपरीत दिशा में घुमा कर रखें
  • जमीन पर सीधे लेट जाएं,
  • दाहिने पैर को कमर से सीधा उठाते हुए बाई तरफ जहां तक हो सके लेकर जाए
  • इसे करने की जो आदर्श स्थिति है, उसमें दाहिने पैर से बाएं हाथ को जमीन पर रखते हुए
  • छुए इसी तरह दूसरे पैसे भी रिपीट करें
  • इस आसन को करते वक्त अपनी गर्दन को विपरीत दिशा में रखना ना भूलें

मर्कटासन के फायदे

पेट दर्द से राहत मिलती है। रीढ़ की हड्डियों के सब लग दूर होते हैं पेट दर्द सर्वाइकल

अपचयन गैस कमर दर्द और निद्रा फूलों का दर्द थकान आदमी आसन बहुत लाभदायक है और इस आसन को करने से आपकी गुर्दे, लीवर, अग्नाशय भी सक्रिय हो जाते हैं।

 मंडूकासन

मंडूकासन संस्कृत के 2 शब्दों मंडुक और आसन से मिलकर बना है। मंडूक का मतलब मेंढक होता है और आसन, योग मुद्रा से ही है।

इसका अभ्यास करते हुए अंतिम चरण में शरीर मेंढक की तरह दिखने लगता है। इसीलिए इसका नाम मंडूकासन है इसके अभ्यास से पेट के अंगों की मालिश और पेट पर अतिरिक्त वसा को दूर करने में मिलती है

मंडूकासन करने की विधि

सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठे दोनों हाथों में मुट्ठी बनाएं और आपस में जोड़ें

अब दोनों पैरों के अंगूठे को जमीन पर रखे, श्वास अंदर ले और छोड़ते समय शरीर के ऊपरी भाग को आगे की ओर झुका ले।

शरीर के ऊपरी भाग के वजन को दोनों जांघों पर रखें और गर्दन को सीधा रखें 1 मिनट तक इसी अवस्था में रहे इस क्षण सांस लेते रहें और छोड़ते रहे फिर दोबारा बज राजस्थानी की स्थिति में आ जाए

सावधानी पेट में अल्सर होने पर इसे ना करें उक्त रक्तचाप माइग्रेन और अनिद्रा होने पर भी ना करें गंभीर पीठ दर्द और हृदय की कोई भी दिक्कत से पीड़ित और अगर पेट की कोई सर्जरी हुई है तो उन्हें भी इस आसन से दूर रहना चाहिए।

घुटने के दर्द के रोगियों को इससे बचना चाहिए। पेट में अल्सर है तब भी सेना करें गर्भवती महिलाओं को इस आसन से दूर रहना।

फायदे घुटने और तकनीकी जोड़ों के लचीलापन और गतिशीलता में सुधार करता है।

पेट में कब्ज, गैस और अपच में फायदा देता है। उसको करने से आपको चिंता और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। आपकी वजन को कंट्रोल करता है।

यह उन लोगों के लिए भी है जो अपने वजन को कम करने और पेट को बिल्कुल सपाट बनाना चाहते हैं। कंधे और पीठ की मांसपेशियों को टोन भी करता है।

इस मुद्रा के आसन के नियमित अभ्यास से आपके फेफड़े भी स्ट्रांग होते हैं।

लाभ
रीड की हड्डी मजबूत होती है, कमर
और पेट की चर्बी कम होती है। तनाव दूर होता है, पेट की समस्याओं से फायदा मिलता है। शरीर लचीला बनता है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में, यह आसन बहुत लाभदायक है।
सावधानियाँ-
तेज कमर दर्द दिया पीठ दर्द वाले शासन को ना करें। पेट दर्द अल्सर की बीमारी में भी यह ना करें। गर्भवती महिलाओं को इससे बचना चाहिए।
रीड की हड्डी से संबंधित कोई गंभीर समस्या तब भी ना करें। अगर कोई फिलहाल ऑपरेशन हुआ है तब भी इसे ना करें।
पश्चिमोत्तानासन-
यह पश्चिम और उत्तर, दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है। पश्चिम दिशा या शरीर का पिछला हिस्सा उतान मतलब खींचा हुआ। रीड की हड्डी से निजात पाने के लिए यह बहुत अच्छा आसन है।
करने की विधि-
1. जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैला कर बैठे।
2. दोनों पैरों के बीच में दूरी ना हो, जितना संभव हो पैरों को सीधा रखें
3. इसके साथ ही रीड की हड्डी, सिर, गर्दन को भी सीधा रखें
4. और दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें
5. सिर और धड़ को धीरे से मोड़ें।
6. घुटनों को बिना मोड़े, हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें
7. गहरी श्वास लें और धीरे-धीरे उसे वापस रिपीट करें
8. अपने सिर, माथे, दोनों को घुटनों से छूने की कोशिश करें
9. बाहों को झुकाये और कोहनी को जमीन को छूने की कोशिश करें
10. अपना स्वास पूरी तरह छोड़े और इसी मुद्रा में कुछ देर बने रहे
11. कुछ सेकंड के बाद वापस करने वाली मुद्रा में आ जाए
12. अब सामान्य रूप से सांस लेते रहें और
13. इस आसन को तीन से चार बार दोहराएं।
फायदे-
यह आसन शरीर के सब विकार दूर करता है। व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर बनाता है। इससे आपके शरीर की सारी मांसपेशियों में खिंचाव में आती है।
यानी वह मजबूत बनती हैं तनाव दूर करने में फायदेमंद है।
पेट की चर्बी दूर करता है। पाचन क्रिया को दुरुस्त करना है हड्डियों को लचीला बनाता है और अनिद्रा की समस्या में भी बहुत फायदेमंद है।
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज में बहुत लाभ देता है।
सावधानी
अगर आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द या चोट है तो यह ना करें। शारीरिक क्षमता से ज्यादा जोर लगाएं। अगर आपकी रीढ़ में जकड़ या चोट है, तब भी इसमें सावधानी बरतें।
दमा और दस्त की शिकायत होने पर भी उससे दूर रहे।
भुजंगासन
 इस आसन को कोबरा आसन भी कहा जाता है। शरीर की आकृति फन उठाई सांप के समान दिखाई देती है। यह बहुत लाभकारी है।
इसके करने का तरीका
सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं
पैर एकदम सीधे रखें
पैरों को एक साथ रखें
दोनों हाथ दोनों कंधों के बराबर नीचे रखें और दोनों कहानियों को शरीर के पास रखिए
लंबी गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे अपने सिर पैर छाती और बाद में पेट को उठाएं
और शरीर को ऊपर उठाते हुए, दोनों हाथों का सहारा लेकर, कमर को पीछे की ओर खींचे
दोनों बाजू पर सारे शरीर का भार देते हुए संतुलन बनाए
अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए, रीड को धीरे-धीरे और ज्यादा मोड़ते हुए दोनों हाथों को सीधा करें
अब ऊपर की तरफ देख
लाभ
थकान और तनाव से मुक्ति मिलती है
कमर वाले हिस्से को लचीला बनाता है
श्वास संबंधी रोगों में यह बहुत लाभदायक है
पीठ गर्दन कंधे के दर्द से छुटकारा दिलाता है
पेट का मोटापा कम करता है
पाचन क्रिया करता है
सावधानी
गर्भवती महिलाएं इसे ना करें
जिन लोगों को पसली में कोई समस्या है या पेट का कोई यदि लंबे समय से शरीर में दर्द है तो योग गुरु के निर्देशन में ही शासन को करें।
उष्ट्रासन
संस्कृत भाषा के ऊष्ट और आसन से मिलकर बना है। संस्कृत में उष्ट्र ऊंट को कहा जाता है। आसन पोज है। इसे कैमल पोज भी कहा जाता है।
कैमल को छाती से लेकर ट्वीट हो जाओगी स्ट्रैचिंग के साथ हमारा ब्लड सरकुलेशन ठीक करता है
रीड की समस्याओं को सही करता है मानसिक शांति देता है
तरीका
सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं
अब सांस लेते हुए निचले हिस्से को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें
इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस हो
अपनी पीठ के पीछे की तरफ मुड़ते हुए झुकी गर्दन को ढीला छोड़े
इस स्थिति में 30 से 60 सेकंड तक बनी रहे
लाभ
पेट के निचले हिस्से के दर्द में राहत मिलती है
कैमल पोज, जांघों की चर्बी को कम करता है
शारीरिक मुद्रा को सुधारता है।
शरीर की हड्डी को लचीला बनाता है
जान गवाहों को मजबूत बनाता है
स्वसन में सुधार करता है
सावधानी
स्वास्थ्य समस्या अगर किसी प्रकार की हो तो नही करना चाहिए
अनिद्रा की समस्या होने पर इस से दूर रहें
और जिन लोगों की पीठ में चोट है या गर्दन दर्द है उन्हें भी इस से बचना चाहिए
यह लेख, पाठकों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। सब हिंदी में लेख में प्रदत सारी जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता और ना ही जिम्मेदारी लेता है।
इस लेख में जो भी बीमारी के बारे में जानकारी दी गई है। उसको अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही कोई भी स्टेप लें।

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