National Unity Day in Hindi, राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 निबंध,भाषण, कविता

National Unity Day in Hindi, राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 निबंध,भाषण, कविता
October 17, 2022 0 Comments

31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है?

2022 राष्ट्रीय एकता दिवस महत्व, भाषण, कविता, निबंध, स्लोगन, शपथ, अनमोल वचन, National Unity Day in Hindi Quotes. आज के जो भी युवा हैं उन सबको एक होकर देश को एकता का सबक सीखना सिखाना होगा।

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सबसे पहले अपने परिवारों से शुरू करना होगा वहां हमें एकता जगह नहीं होगी, तभी तो हम एकता से भरे देश की ख्वाहिश कर सकते हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस क्यों मनाया जाता है (Why We Celebrate National Unity Day)-

भारत के लौह पुरुष कही जाने वाली सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म दिवस जिस दिन हम मनाते हैं उसी को राष्ट्रीय एकता दिवस कहा जाता है.

इस दिन की शुरुआत 2014 में केंद्रीय सरकार द्वारा दिल्ली में की गई सरदार वल्लभभाई ने देश को हमेशा एकजुट करने के लिए बहुत कार्य किए।

उन्हीं के कार्यों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए, इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में सेलिब्रेट करने का फैसला किया गया।

राष्ट्रीय एकता दिवस का भाषण हिंदी में-

किसी भी देश का जो मेन आधार है वह वहाँ की एकता और अखंडता में होता है. भारत हमारा देश है, वह बहुत वर्षों तक गुलाम रहा और इसका सबसे बड़ा कारण था कि हमारी पूरी जनता, आवाम में कभी एकता नहीं थी ।

इस एकता की कमी का सबसे बड़ा जो कारण था, वह उस समय सूचना प्रसारण के जो साधन थे वह नहीं थे। साथ अखंड भारत पर कई संस्कृतियों ने राज किया। इस कारण हमारे देश में विभिन्न जातियों का विकास हुआ।

भारत देश पर शासन बदलते रहने के कारण और विचारों में विभिन्नता से मतभेद पैदा हुए और देश में सबसे बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने राज किया।

उन्होंने हमारी एकता ना होने का फायदा उठाया और उन्होंने फूट डालो राज करो की नीति अपनाई। और इसी नीति के कारण अंग्रेजों ने भारत पर 200 वर्षों तक राज्य किया।

हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम रहा । इसीलिए ये बात सामने आती है कि देश का विकास, समृद्धि, शांति, अखंडता, एकता के कारण ही संभव होती है।

राष्ट्रीय एकता दिवस

धर्म की लड़ाई है, कौम की लड़ाई देश की नींव को खोखला करती है। इससे ना तो किसी का अपना लाभ होता है और ना ही राष्ट्र का हित होता है।

आज भी हम कहीं न कहीं एकता में कमी के कारण दूसरे देशों से पीछे हैं। हमारे देश में जातिवाद का चक्कर इतना हो चुका है कि उस में फस कर हमारी एकता कमजोर हो रही है।

और इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जो हमें इतिहास के पन्नों में दिखाई देता है।

सन 1857 की क्रांति अगर विफल हुई तो उसका भी एक मात्र कारण एकता में कमी थी। मुगलों ने भारत पर शासन

किया, उसका भी एक ही कारण था।

हमारे आवाम के बीच एकता में कमी। इस आपसी मतभेद को समझ लेने के बाद देश के कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने सबसे पहले एकता को बढ़ावा देने की कोशिश की गई।

बड़े-बड़े नेताओं ने आजादी के पहले लोगों को एकता का महत्व बताया। इसके लिए आजादी से पहले रेडियो में प्रसारण और समाचार पत्रों में भी इसका उल्लेख किया जाता रहा।

क्रांतिकारी भले ही जेल में होते थे, लेकिन वह अपनी कलम के जोर पर देश में एकता को बनाए रखने का पुरजोर कोशिश करते।

इसी कारण से 1947 में आखिर हमें स्वतंत्रता मिल ही गई।

वर्तमान में एकता का महत्व-

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था, न्याय प्रणाली यह सभी चीजें तभी सुचारू हो पाती हैं, जब आवाम में एकता होती है।

और जिस दिन यह व्यवस्था सुचारू होगी, उस दिन देश के विकास में कोई मुश्किल नहीं होगी।

एकता में सबसे बड़ा जो बाधक है वह है स्वार्थ भावना। आज के समय में स्वार्थ को ही सर्वोपरि माना जाता है।

जब देश आजाद है और हम सब आत्मनिर्भर हैं तो आपसी मतभेद, हमारे विकास में अड़चन बन कर खड़ा है।

आजादी के पहले का पूरा फायदा अंग्रेज उठाते थे और आज हमारे देश के ही सियासी लोग इसका फायदा उठाते हैं।

हमें यह याद रखना चाहिए कि जहां भी दरार होगी, वहीं पर मौका परस्त लोग अपना स्वार्थ पूरा करेंगे।

ऐसी परिस्थिति में नुकसान हम सबका होगा। देश में एकता युवा वर्ग को सबसे ज्यादा बुलंद करने में सत्ता स्वतंत्रता सेनानी लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल थे।

वह सदी के युवा लोगों जैसी सोच रखते थे।

वे सदैव देश को एकता का संदेश देते थे। उन्हीं को श्रद्धांजलि देने के उपलक्ष में उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का विचार किया गया।

राष्ट्रीय एकता दिवस 2022 में कब है ?

लोह पुरुष वल्लभभाई पटेल की स्मृति में उनके जन्म दिवस 31 अक्टूबर को ही हम राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाते हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस का जो शुरुआत 2014 में की गई इसे वल्लभभाई पटेल के राष्ट्र के प्रति समर्पण को हमेशा याद रखना चाहिए। इसका ऐलान गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने किया।

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का क्या तरीका है?

2014 के बाद से 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में सभी लोगों में जागरूकता बढ़ाने और महान स्वतंत्रता सेनानी वल्लभ भाई पटेल को याद करने के लिए, राष्ट्रव्यापी मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाता है।

इस दिवस के साथ देश की युवा पीढ़ी को भी राष्ट्रीय एकता का संदेश मिलता है। जिससे वह आगे चलकर देश में राष्ट्रीय एकता का महत्व समझ सकते।

उसे बनाए रखने में अपनी कोशिश करते रहे।

इस मौके पर देश के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम किए जाते हैं। दिल्ली के पटेल चौक, पार्लियामेंट स्ट्रीट पर, सरदार पटेल जी की प्रतिमा पर माला चढ़ाई जाती है।

इसके अलावा सरकार द्वारा मार्चपास्ट शपथ ग्रहण समारोह भी किया जाता है।

देश के कई शहरों में, गांव, ग्रामीण स्थानों जिलों में प्रोग्राम आयोजित की जाती है। स्कूल, कॉलेज, शेकक्षणिक अनुष्ठान, यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर के लोग हैं।

दिल्ली में राजपथ, . विजय चौक से इंडिया गेट पर सुबह 8:30 बजे मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाता है । जिसमें कई नेता और अभिनेता भी भाग लेते हैं।

इसके अलावा सरकारी ऑफिस में भी शपथ किया जाता है। स्कूल कार्यक्रम होते हैं। प्रश्नोत्तरी, प्रतियोगिता, वाद-विवाद का आयोजन किया जाता है।

सरदार पटेल का जन्म – 31 अक्टूबर 1875

मृत्यु- 15 दिसंबर 1950

राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत – 31 अक्टूबर 2014

किसने राष्ट्रीय एकता दिवस शुरू किया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी

एकता दिवस का महत्व क्या है?

राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व आज की युवा वर्ग को देश की एकता समझाना कितना जरूरी है यह तो हम सब जानते हैं। और उनकी उन को जागरूक करने की तरफ एक कदम है। राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

और ऐसे ही दिन युवाओं को अच्छी दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। आज के समय में हमारी एकता जिस तरह से खंडित हो चुकी है। उसे हमें सबसे पहले अपने परिवार जो समाज की सबसे छोटी इकाई है, से शुरू करना चाहिए।

क्योंकि आज परिवार में एकता नहीं है, सब अपनी मर्जी से रहना चाहते हैं। इस कारण समाज में एकता नहीं है और जब समाज में एकता नहीं है। तो देश एकता वाला कैसे होगा।

गांव, शहर, राज्य इन सब में तो देश एकता वाला कैसे होगा। गांव, शहर, राज्य इन सब में एकता की उम्मीद रखना हमारी भूल है।

राष्ट्रीय एकता दिवस

जरूरी है कि आज की युवा पीढ़ी को सबसे पहले आपसी विचारों को एक दूसरे को स्थिति से अवगत कराएं. और इसके हल की उम्मीद में बातचीत शुरू करें। पीढ़ी दर पीढ़ी जो भी बात चलता है, उसका कोई हल नहीं होता । ऐसे में सब व्यक्ति अपने आप को सही मानते हैं और इसी इगो की वजह से परिवार टूट जाती हैं ।

इसलिए जरूरी है कि आपस में बात चलती रहनी चाहिए। अगर कोई परेशानी हो तो उसका हल परिवार में ही ढूंढा जा सकता है। ऐसा नहीं होता तो परिवार, दोस्तों और साथ रहना मुश्किल होता। और इन परिवारों का ही असर देश पर पड़ता है। अगर हम सब चाहते हैं कि हमारा देश विकासशील बने तो सबसे पहले हमें प्रधानमंत्री जी मोदी जी के उस नारे को याद रखना चाहिए,

जिसमें उन्होंने कहा है “सबका साथ, सबका विकास “

Rashtriy Ekta Divas ke slogan

हाथ मिलाकर एक साथ चलेंगे,

हम विश्व में एकता की मिसाल बनेगी.

सबको एकता का ज्ञान दो,

उन सबको एक समान सम्मान दो.

राष्ट्रीय एकता में है बल अपार,

चलो मिलाएं हाथ और बांटे प्यार।

यह पेड़ की पत्ती यह शाख भी हो जाएगी परेशान,

अगर परिंदे भी हो जाए, हिंदू और मुसलमान.

हमारी एकता हमारी पहचान है,

तभी तो हमारा देश सबसे महान है.

सच्चे मायनों में होगी तभी देशभक्ति,

जो एक होकर हम दिखाएं एकता की शक्ति.

जहां होती है एकता,

वहां सदा जीत ही होती है.

मिटें सीमाएं देश की बनी सब एक परिवार,

फिर देखो कैसा होता है एकता का चमत्कार.

राष्ट्रीय एकता में है ताकत,

वो है अतुलनीय और है व्यापक……

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