बादाम, काजू या अखरोट क्या खाएं, जिससे मिले ये फायदे, चलिए जाने क्या है बेहतर

काजू, बादाम, अखरोट वैसे तो तीनों ही ड्राई फ्रूट कहलाते हैं और यह पोषक तत्वों से भरपूर हैं. सर्दियों में यह हमारी डाइट का हिस्सा रहते हैं लेकिन इन तीनों में से हमारे स्वास्थ्य के लिए कौन सा सुपर हेल्दी ड्राई फ्रूट है चलिए जानते हैं.
सुपर हेल्दी ड्राई फ्रूट
वैसे तो सभी मौसम में ड्राई फ्रूट्स का सेवन किया जाता है. लेकिन खासतौर से विंटर्स में ड्राई फ्रूट खाना हमारे लिए बहुत उपयोगी है. सूखे मेवों की तासीर गर्म होने के साथ-साथ यह उच्च वसा सहित प्रोटीन, कैल्शियम ,विटामिन, फाइबर, पोटेशियम, खनिज और जिंक का बहुत ही अच्छा स्रोत भी है.
ऐसे में ठंड के मौसम में लोग काजू बादाम और अखरोट ना केवल खुद खाते हैं बल्कि बुजुर्गों और बच्चों को भी खिलाते हैं.
हालांकि बहुत कम लोगों को पता है कि इनकी स्वाद और कीमत के लगभग एक जैसे होने के बावजूद, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए अलग-अलग तत्व पाए जाते हैं. बादाम, काजू, अखरोट में क्या होता है.
काजू, बादाम और अखरोट वैसे तो अच्छे ड्राई फ्रूट की श्रेणी में आते हैं
काजू खाने को ज्यादातर लोग अहमियत देते हैं

काजू कई प्रकार की नमकीन में भी शामिल किया जाता है। इसे मसालेदार काजू के रूप में लोग खाते हैं। हालांकि सादा काजू खाना ही फायदेमंद है। काजू में सबसे ज्यादा वसा, विटामिन, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम पाया जाता है ।
काजू का उपयोग कहीं मीठे पकवान तो कहीं मसालेदार व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह सिर्फ खाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका प्रयोग शरीर की कई मुश्किलों से निजात दिलाने में भी किया जा सकता है.
काजू एनर्जी से भरपूर, प्रोटीन और फैट का भरपूर स्रोत है. यह हमें तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है. इसलिए बढ़ती उम्र के बच्चों और खिलाड़ियों को इसका अपने भोजन में जरूर ऐड करना चाहिए.
काजू को एनर्जी का पावर हाउस भी कहते हैं. यह जितना स्वादिष्ट होता है, उससे कहीं ज्यादा सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है.
काजू से निम्न फायदे होते हैं
Cancer
कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव में भी काजू बहुत हेल्पफुल है. दरअसल काजू के अर्थ में अनाकार्डिक एसिड पाया जाता है, जो कैंसर में फैलने की प्रक्रिया को रोकने में मदद कर सकता है.
यहां यह ध्यान रहे कि काजू को सेवन कैंसर की समस्या से छुटकारा नहीं दिला सकता. इसका सेवन सिर्फ कैंसर से बचने के लिए हेल्दी डाइट के रूप में किया जा सकता है.अगर कोई कैंसर से पीड़ित है तो उसे डॉक्टर से इलाज कराना जरूरी है.
पाचन तंत्र
पाचन तंत्र के लिए अच्छा काजू खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है. क्योंकि इसमें फाइबर बहुत ज्यादा है. फाइबर हमारी पाचन को ठीक कर, हमारे अल्सर और कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है.
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि काजू को ज्यादा मात्रा में सेवन कब्ज और गैस की प्रॉब्लम कर सकता है. विशेषकर जिनकी फिजिकल एक्टिविटी बिल्कुल ना के बराबर है, उन्हें काजू का सेवन कम से कम करना चाहिए.
हाइट की हेल्थ के लिए काजू लाभदायक है
काजू को नट्स की श्रेणी में रखा जाता है और nuts से शरीर को कई रूपों में फायदा पहुंचाता है. हृदय की स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए भी नट्स और ड्राई फ्रूट्स को महत्वपूर्ण माना जाता है.
इनमें बायो एक्टिव माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो हमारे हर्ट को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं.
ब्लड प्रेशर को सुधारने में भी मददगार
Blood pressure को नियंत्रित करने में काजू मददगार साबित होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, काजू से बना सप्लीमेंट सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार हो सकता है.
अभी इस पर और शोध करना बाकी है.
हड्डियों के विकास के लिए काजू उपयोगी है
काजू में कैल्शियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है. कैल्शियम और मैग्नीशियम हमारी हड्डियों के विकास में और उन्हें स्ट्रांग बनाने में मदद करते हैं.
काजू में मौजूद मैग्नीशियम, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है क्योंकि इस बीमारी से हमारी हड्डियां नाजुक और कमजोर हो जाती हैं.
हेल्दी ब्रेन के लिए काजू लाभदायक
काजू में मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में होता है मैग्नीशियम हमारे ब्रेन के रक्त प्रवाह में सहायक होता है.
साथ ही हमारे मस्तिष्क की चोट को दूर करने में भी मैग्नीशियम महत्वपूर्ण रोल अदा करता है. इसके अलावा मैग्नीशियम में एंटी डिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो हम डिप्रेशन को दूर करने में भी मदद करते हैं. इस प्रकार काजू में मौजूद मैग्निशियम, हमारे दिमाग की हेल्थ को ठीक करने में लाभदायक हो सकता है.
वजन को बैलेंस करने में
काजू में मैग्नीशियम होता है जो फैट और कार्बोहाइड्रेट के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है. इसके अलावा काजू में फाइबर भी बहुत ज्यादा है.
जो हमारे शरीर के वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है. फाइबर कैलोरी के सेवन को कम करता है. इसके अलावा काजू में कैलोरी की मात्रा के साथ प्रोटीन और फैट की मात्रा ज्यादा होती है.
इसलिए पेट को देर तक भरा रखने का एहसास दिलाता है. इस कारण ज्यादा खाना खाने की आदत में सुधार हो सकता है.
जिससे हमारा वजन भी कंट्रोल रखने में मदद मिलती है लेकिन जो लोग पहले से मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें काजू का सेवन नहीं करना चाहिए.
बादाम के फायदे
बादाम, कोलेस्ट्रॉल में सुधार कर सकता है. ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है. हमें खास विटामिन दे सकता और डाइटरी फाइबर को शामिल कर सकता है.
स्किन को soft बनाता है. ड्राई स्किन को कमेंट बनाने के लिए बादाम का सेवन लाभदायक है. बादाम हमारी स्किन को हेल्दी रखता है.
बादाम में विटामिन ए और ई मिलता है. जिससे स्किन में ग्लो आता है. इसको खाने से ड्राई स्किन से निजात पाने में मदद मिलती है. आप बदाम का तेल भी लगा सकते हैं.
वजन को कंट्रोल करने में हेल्प करता है
बदाम खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है. इसे खाने से ज्यादा समय तक भूख नहीं लगती है. ऐसे में हम बदाम को अपनी डाइट में शामिल कर वजन कम करने में मदद पा सकते हैं.
दिल को हेल्दी रखता है
हेल्दी के लिस्ट कोलेस्ट्रोल बनाए रखने के लिए फायदेमंद है बता में मिलने वाला विटामिन ई हमारे हर्ट को बीमार होने से बचाता है हर सुबह भीगे हुए बादाम का सेवन करने से दिल हेल्दी रहता है.
हार्ट को हेल्थी रखने के साथ ही बादाम, ब्लड सरकुलेशन को भी ठीक करता है. हमारी याददाश्त तेज करता है. यह सब जानते हैं कि बादाम रात को भिगोकर सुबह खाने से हमारी याददाश्त तेज होती है.
बदाम प्रोटीन से भरपूर है जो ब्रेन सेल्स को रिपेयर करने में हेल्प करता है. इसके साथ ही इसमें मिलने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ई दिमाग को तेज करने से याददाश्त अच्छी रहती है.
पाचन तंत्र को भी हेल्दी बनाता है
बादाम में फाइबर बहुत ज्यादा है. इसका सेवन करने से हमारे को कब्ज में राहत मिलती है. बदाम आंत को स्वस्थ रखता है जो खाने को पचाने में मदद करते हैं और किसी भी बीमारी से लड़ने की ताकत देते हैं.
वही बादाम में अगर देखा जाए तो 8-10 बादाम की गिरी में 12 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

अखरोट
अखरोट में प्रोटीन, कैल्शियम, वसा, कार्बोनेट, विटामिन, , B6, कैलोरी, समेत बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह विभिन्न बीमारियों में हेल्प करते हैं.
इनके सेवन से मधुमेह, दिल की बीमारी में आराम मिलता है. खासकर हमारे हर्ट के लिए अखरोट वरदान से कम नहीं है.

अखरोट में कार्बोहाइड्रेट, पोषक तत्व की मात्रा में आ जाते हैं। रोजाना अखरोट खाने से आती है। ड्राई फ्रूट फ्रूट इनमें से सबसे बेहतर है दूसरे नंबर की गर्भवती महिलाएं भिगोकर खाती हैं तीसरे नंबर पर आता है।
हृदय रोग में सहायक
रोजाना 30 से 60 ग्राम अखरोट खाने से हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो सकता है. साथ ही सूजन 11.5 परसेंट कम हो सकती है.
इसके अलावा अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.
इससे हृदय सेहतमंद रहता है. वहीं अखरोट खाने से अस्थमा में भी आराम मिल सकता है.
कब्ज में आराम मिलता है
अखरोट में फाइबर होने की वजह से यह आपके पाचन संबंधी विकारों को दूर करता है. यह कब्ज के लिए रामबाण है. इसलिए रोजाना अखरोट खाएं और कब्ज की परेशानी को दूर करें.
दिमाग तेज होता है, अखरोट से
हम हमेशा से जानते कि अखरोट खाने से, दिमाग तेज होता है. इसमें, पाए जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर होता है. इसके सेवन से हमें तनाव में राहत मिलती है. वही दिमाग भी तेज होता है. इसके अलावा हमारी याददाश्त बढ़ती है. इसलिए रोजाना सुबह अखरोट का सेवन करें और स्वस्थ रहें.
हड्डियों को मजबूती देता है
शरीर में विटामिन और कैल्शियम की कमी की वजह से, हड्डियां कमजोर होने लगती है. इसलिए अखरोट में पाया जाने वाला अल्फा लिनोलेनिक एसिड हड्डियों को मजबूत करता है. रोजाना अखरोट का सेवन आपके लिए दवा साबित हो सकता है.
कितने खाएं
वैसे तो रोजाना एक मुट्ठी ड्राई फ्रूट खाना बताया जाता है लेकिन हमारे भारत में एक मुट्ठी मेवा खाना और इसे पचाना, हर किसी के लिए सामान्य बात नहीं है।
ऐसे में एक व्यक्ति को रोजाना छह से आठ बादाम, दो-तीन अखरोट और चार-पांच काजू खाने की सलाह दी जाती है। इतनी मात्रा ड्राई फ्रूट्स की नट्स कि हमारे शरीर में न्यूट्रिशन के लेवल को सही बनाए रखती है।
सर्दियों में यह आप ऐसे ही खा सकते हैं। जबकि गर्मी के मौसम में आपको भिगोकर खाना चाहिए। आपने रात को भिगो दें और सुबह इनका सेवन करें।
तो दोस्तों, देखा आपने यह ड्राई फ्रूट्स किस तरह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद हैं किसमें क्या है और कब और कैसे खाना चाहिए यह सब आपने जाना अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे लाइक और शेयर करें नमस्कार.
अस्वीकरण
इस आर्टिकल में बताएं गई जानकारी केवल सुझाव के लिए है. इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशन की सलाह के तौर पर नहीं लिया जाए. बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में, डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इन सब जानकारी के लिए सब हिंदी में जिम्मेवारी नहीं लेता.